Friday, July 31, 2009

PANKAJ YOU HAVE MADE IT

CONGRATULATIONS ..CONGRATULATIONS ..
Pankaj, Team UP Lifters feels proud & recognize
your tremendous efforts.
Congratulation for making 1610 Unbeaten Runs
And winning both Shirt & Strolly Bag
We are confident that you will make new
records & will show all INDIA that one can also
make 2000 Runs.
I know you can also make 2000 Runs
So accept the challenge & make
2000 Runs In August-09
BEST OF LUCK



Sunday, July 26, 2009

जो आप चाहते है उसे कैसे प्राप्त करें

'पारस्परिकता' (रेसिप्रोकेशन)

shake

लोगो से यह पता करना कि दूसरों से क्या चाहिए वास्तव में बड़ी टेढी खीर है जिसमे अटपटी चर्चा संभावित वैचारिक टकराव कि संभावनाओं से इंकार नही किया जा सकता है। हालांकि, यह इस तरह से होना जरूरी नहीं है।

आप अन्य लोगों से क्या चाहते हो इस रहस्य पे परदा उठाने से पहले आपको पारस्परिकता की वास्तविक भावना को विकसित करना जरुरी है इस के लिए आपको दूसरों से कुछ प्राप्त करने से पहले सबकुछ देने की भावना विकसित करनी ही होगी

यहाँ पर शब्द 'पारस्परिकता' से तात्पर्य यह है कि अन्य लोग आपको उस तरह से ही व्यव्हार करेंगे जैसा कि आप उनके साथ करते हैं अतः यदि आप किसी को कोई बहुमूल्य वास्तु देते है तो प्रतिउत्तर में आप को भी वैसा ही कुछ मिलने कि संभावना बनी रहती है।

अगली बार जब आप किसी से, बजाय मांगने के या यह जताने कि आप क्या चाहते है , आप निम्न तालमेल (फार्मूला) सूत्र का प्रयोग करने का प्रयास करें।

तालमेल (फार्मूला) सूत्र

चरण 1: स्थितियों को दूसरों के नजरिये से देखने का प्रयत्न करें यह जाने कि सामने वाले व्यक्ति कि तात्कालिक आवश्यकता क्या है यदि आप यह जानने में विफल रहते हैं तभी आप उस से उस कि आवश्यकता के बारे में पता करने की कोशिश करें

चरण 2: जब आप यह पता कर ले कि आवश्यकता क्या है , तो आप लोगो से इस तरह से कह सकते हैं। जैसे कि , यदि मैं आप को यह प्राप्त (जो कुछ आप ने पता किया हो) करने में मदद करुँ
(या इस जैसा ही कुछ) तो शायद यह आप के काम जाए ज्यादातर खुले विचार के लोग आप की इस नजरिये प्रभावित होंगे क्योंकि आप उनसे मांगने के बजाये उन को कुछ देने की कोशिश कर रहे हैं

चरण 3: सिर्फ़ आप कहें ही नहीं बल्कि जो सहायता या कार्य अपने करने का वादा किया है उस को पुरी तरह से निभाएं भी। जितना अधिक समय और प्रयास आप में इस काम के दौरान आप डालेंगे, आप और अधिक पारस्परिकता का विकास करेगे

चरण 4: जब आप पूर्व सहमती सी बनी योजनाओं या कार्यो को निपटा ले , तो यह पूछना भूलें कि पूर्व योजनाओ और व्यक्ति कि आकान्छाओं के अनुरूप हुआ है या नहीं और यह भी पता करें कि क्या आप ये ही या ऐसा ही चाहते थे।

यहाँ एक उदाहरण है कि दिखाता है कि कैसे तालमेल फॉर्मूला असली दुनिया में काम करता है:

राम एक सॉफ्टवेयर कंपनी में एक बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम करता है। और तनख्वा को बढ़ाने के लिए अपने मालिक से पूछना चाहता था। इस के लिए राम ने "तालमेल फार्मूला" लागू करने का फैसला किए. क्यों कि पिछले अनुभव से राम को यह मालूम था कि सिर्फ़ तनख्वा बढ़ाने के लिए कहने से बात नहीं बनेगी

चरण 1: राम ने अपने मालिक के साथ दोपहर का भोजन किया और उनसे कंपनी के प्रमुख लक्ष्य के बारे में पूछा उन्होंने कहा कि कंपनी इस वित्तीय वर्ष के अंत से पहले नई लेखांकन सॉफ्टवेयर की 1000 प्रतियां बेंचना चाहती है, उसे बताया गया कि वह वास्तव में क्या चाहती थे

चरण 2: राम ने कहा , तो अगर मैं 30 जून तक नई लेखांकन सॉफ्टवेयर की 1000 प्रतियां बेच सकते हूँ , और उसके बाद मैं आप से अपनी तनख्वाह बढ़ाने के विषय में चर्चा करना चाहूँगा . मालिक ने खुशी से उसे इस बात कि इजाजत दे दी (यहाँ पर राम ने पहले बजाये अपने पहले मालिक के बारे में सोंचा इस लिए उसे सफलता मिली)

चरण 3: राम ने काम को पूरी तरह से समझा और एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने के बाद इन्टरनेट पर उसका विज्ञापन प्रस्तुत किया मालिक ने राम कि लगन और मेहनत को देखा और यह जान कर प्रभावित भी हुआ कि राम अपने कार्य के प्रति कितना समर्पित है।

चरण 4: राम ने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया और मालिक को भोजन के लिए फिर आमंत्रित किया इस तीन महीने के समय में राम ने केवल कंपनी की स्थिथि को बेहतर किया बल्कि अपने मालिक के साथ 'पारस्परिकता' की नयी भावना का संचार भी किया। और भोजन के दौरान मालिक ने केवल उसकी तन्खावाह बढ़ाने का वायदा किया बल्कि राम को promotion भी देने की घोषणा की।

अतः आप कुछ प्राप्त करने से पहले यदि कुछ देने की तमन्ना रखते हैं तो निश्चय ही आप 'पारस्परिकता' के सिद्धांत में विश्वास करने लगे हैं और जल्द ही आप यह पाएंगे 'पारस्परिकता' का सिद्धांत केवल अति लाभदायक है बल्कि विश्वास को बढ़ाने में सहायक भी है।
इसलिए मैं आप लोगो से 'पारस्परिकता' के सिद्धांत को केवल इस्तेमाल करने की गुजारिश करूँगा बल्कि यह भी कहूंगा यह केवल व्यापारिक हितों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि आपकी निजी जिंदगी में भी महत्वपूर्ण रहेगा। 'पारस्परिकता' का सिद्धांत आपके जीवन में आपके सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करे ऐसी MERI कामना हरदम रहेगी।

शुभकामनाओ सहित

आपका "अनिल कुमार बाजपेयी"